सोमवार, 22 जून 2009

साक्षात् भगवान्

आप कभी रोने जैसे हो जाएँ ,

आपको रोने न दें,
बल्कि आपको खुश कर दें.

आप कभी दुखी हो जाएँ,
आपको दुखी होने न दें,
बल्कि आपको सुखी कर दें.

आपको उलझन में रहने न दें,
बल्कि आपकी उलझन को  ही सुलझा दें.

ये जो पिता होते हैं, 
बच्चों  के लिए. 
साक्षात् भगवान् होते हैं.


पिता धूप पिता छाँव

कोई कहे धूप है पिता, कोई कहे  है  छाँव है पिता
कहीं आसमान है पिता, कहीं आसमान ही है पिता
ये जो पिता होते है
भले ही ख़ुद उन्हें रोना पड़े
आपको कभी रोने नहीं देते हैं
ये जो पिता होते हैं
आपको सारे सुख देते हैं
आपको कभी दुखी होने नहीं देते  हैं
ये जो पिता होते हैं
आपके मित्र होते हैं
आपके मार्गदर्शक होते हैं
आप  कितने ही बड़े हो जायें
पिता तो पिता ही होते हैं
 

शनिवार, 20 जून 2009

स्लमदोग करोड़पति

झुग्गी झोपडी का
गरीब लड़का
खेल - खेल में बन गया करोड़पति
ऐसा तो फिलम में जरुर हुआ
काश !
वास्तव में ऐसा हो सकता
भारत में करोड़ों स्लम दोग
करोड़ों कमाने के लिए
और करोड़पति
बनने के लिए
तैयार बैठे हैं

शुक्रवार, 19 जून 2009

ट्वेंटी सिक्स इलेवन

फिर दहली मुंबई
यह फिर हुआ है
और
फिर होगा

आतंकवाद का अंतहीन सिलसिला
जारी था पहले भी
और आगे भी बदस्तूर जारी रहेगा


जब तक हमारी सरकारे
सिर्फ़ करती रहेंगी बातें

हर आतंकवादी घटना के बाद
सरकार का यह कहना कि
आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा
आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
और फिर हर आतंकवादी घटना का
दोष सिर्फ़ पाकिस्तान पर मड देना
और फिर चुपचाप बैठ जाना
बदस्तूर होता रहा है
बदस्तूर होता ही रहेगा

बेचारा आम आदमी मरता रहा है
लगता है कि बदस्तूर मरता ही रहेगा