सोमवार, 22 जून 2009

साक्षात् भगवान्

आप कभी रोने जैसे हो जाएँ ,

आपको रोने न दें,
बल्कि आपको खुश कर दें.

आप कभी दुखी हो जाएँ,
आपको दुखी होने न दें,
बल्कि आपको सुखी कर दें.

आपको उलझन में रहने न दें,
बल्कि आपकी उलझन को  ही सुलझा दें.

ये जो पिता होते हैं, 
बच्चों  के लिए. 
साक्षात् भगवान् होते हैं.


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