शनिवार, 12 नवंबर 2016

सब सहना है



इस दुनिया में रहना है
तो
सब कुछ सहना  है
आप जो भी कहेंगे
आप जो भी करेंगे
लोगों को कुछ न कुछ कहना है
इस दिया में रहना है
तो
सब कुछ सहना है

रविवार, 18 सितंबर 2016

माँ


माँ जब होती है
तब
भगवान्  के बाद
माँ
होती  है

माँ
जब नहीं रहती है
तब
माँ
खुद
भगवान् हो जाती हैं 

सोमवार, 18 अप्रैल 2016

पैसा


ऐसे को वैसे को
कौन पूछता है
जो भी पूछता है
बस
पैसे को पूछता है


ऐसा या वैसा
पुण्य करे तो पाप है
हो
जिसके पास पैसा
वो
खून करे
तो भी माफ़ है

ऐसे को
वैसे को
कौन पूछता है
ऐसे में या वैसे  में किसकी रूचि है ?
पैसा है जिसके पास उसकी बड़ी गरिमा हैं
पैसा है जिसके पास उसकी चहुँ ओर महिमा है

ऐसे को
वैसे को
कौन पूछता है
हर कोई
बस
पैसे को पूछता है



शनिवार, 5 मार्च 2016

बोलने की आज़ादी



बोलने की आज़ादी 
है 
बोलिये 
लेकिन 
बड़बोला  मत  बोलिए 
बोलिए  वही 
जो इन्सान को  शोभा  देता  है 
बोलने की आज़ादी 
है
बोलिये  
लेकिन 
बोलने की  आज़ादी 
के नाम पर 
अपनी माँ  को 
अपनी जन्मभूमि 
को 
गाली तो मत दीजिये 

रविवार, 28 फ़रवरी 2016

सवेरे का सूरज



सवेरे का सूरज
रोज़
नया  सन्देश देता है

उठ
जाग
और
लग
अपने सपनो को सच कर

और
इन सपनो को सच करना है
तो
कर्म
करना ही  होगा
दिन को सपने  देखना छोड़
दिन रात एक करना होगा

फिर
सफलता तुम्हारी है
दुनिया के रंगमंच
पर
तुम महानायक
और
दुनिया की
सारी
तालियाँ  तुम्हारी हैं


मौत


मौत

खबर  मौत  की
कुछ  ऐसी  होती  है
कि
कहीं पत्थर दिल पसीज  जाते है

और
कभी तो
कोमल हृदय
भी
पत्थर हो जाते हैं 

आत्मविश्वास


आत्मविश्वास


अपने पे भरोसा रख मेरे भाई
समन्दर भी तर जाएगा
किसी और के भरोसे
तो
छोटी सी नदिया
में
डूब जाएगा